Last modified on 24 मार्च 2014, at 08:32

ऐसा नहीं कि उस नय बनाया नहीं मुझे / शाहीन अब्बास

ऐसा नहीं कि उस नय बनाया नहीं मुझे
जो ज़ख़्म उस को आया है आया नहीं मुझे

दीवार को गिरा के उठाया भी मैं न था
दीवार ने गिरा के उठाया नहीं मुझे

मैं ख़ुद भी आ रहा था जगह ढूँढते हुए
याँ तक ये इंदिहाम ही लाया नहीं मुझे

मेरा ये काम और कसी के सुपुर्द है
ख़ुद ख़्वाब देखना अभी आया नहीं मुझे

कल नींद में चराग़ को नाराज़ कर दिया
सूरज ने आज सुब्ह जगाया नहीं मुझे

ज़ंजीर लाज़मी है कि ज़ंजीर के बग़ैर
चलना ज़मीन पर अभी आया नहीं मुझे