हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
ऐसी चुंदड़िया लाओ मेरे बाबा वाऊ पै रतन जड़ाइये
आधी चुनड़िया पै मानक मोती आधी पै रतन जड़ाइये
चुनड़ी ओढ़ लाजो बैठी है चौक पै केस लिये छिटकाये
अब का सरम रही है मेरे बाबला बैठी हूं चारों दल जोड़ कै
एक आपु दल दूजा बापु दल तीजा दल राजा भातिये
चौथा दल साजन का लड़का मुकुट बांध घर आइये
ऐसी चुंदड़िया लाओ मेरे बाबुल वाऊ पै रतन जड़ाइये