ओंठ जब चूम नहीं पाते
नयन जब रो नहीं पाते तो रुला देते हैं
अपने ग़म को हर दिल का ग़म बना देते हैं
दर्द जब आह नहीं बनता तो गीत बनता है
ओंठ जब चूम नहीं पाते तो गा देते हैं।
ओंठ जब चूम नहीं पाते
नयन जब रो नहीं पाते तो रुला देते हैं
अपने ग़म को हर दिल का ग़म बना देते हैं
दर्द जब आह नहीं बनता तो गीत बनता है
ओंठ जब चूम नहीं पाते तो गा देते हैं।