ओळ्यूं-10 / पूर्ण शर्मा पूरण

ऊमटती आंधी रै लारै
दीसतौ थंनै
मेह
धोबां-धोबां धोंवती
आंख्यां री खेह
देख आज ओजूं ऊमटी है
कळायण,
हुयसी हळाबोळ
बंजड़-झंखड़-बाढ
इंयां रीतौ कोनी जावै
म्हारी आंख्यां रौ असाढ।

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