कित्ती भोळी होवै
अचपळी ओळ्यूं
ठाह नीं कठै सूं
हळवां-हळवां उठ
ढूकै भेजै
पछै जावै पसरती
मन रै आंगणैं
आंख्यां रै ओळै-दोळै
होवण पड़तख
बिलमावै मनड़ो
टिरै आंसूड़ां!
आंसूड़ा टिर्या
टिरता सूक्या
उण रै साथै ई
अदीठ होयगी
थिरती ओळ्यूं!
कित्ती भोळी होवै
अचपळी ओळ्यूं
ठाह नीं कठै सूं
हळवां-हळवां उठ
ढूकै भेजै
पछै जावै पसरती
मन रै आंगणैं
आंख्यां रै ओळै-दोळै
होवण पड़तख
बिलमावै मनड़ो
टिरै आंसूड़ां!
आंसूड़ा टिर्या
टिरता सूक्या
उण रै साथै ई
अदीठ होयगी
थिरती ओळ्यूं!