Last modified on 12 जनवरी 2009, at 14:40

ओ दिलरुबा / ध्रुव शुक्ल

ओ दिलरुबा
मनसुख मेरा नाम
धाम मन सूबा
जहाँ मेरा पन डूबा
और न कोई
दूऽऽर दूऽऽर तक
दूबा
शहर अजूबा