Last modified on 20 फ़रवरी 2009, at 00:06

औरतें: छ / तुलसी रमण

नींद सोयी लोमड़ी को
एक रात दबा लेता
              माघ : एक बाघ

सुबह तक आधी बर्फ़ में
डूब जातीं औरतें
और आधी छिप जातीं
घास-पत्ती के बोझ में

जब से आता रहा माघ
डूबती रही औरतें

जुलाई 1998