कंतक थैया घुनूँ मनइयाँ!
चंदा भागा पइयाँ पइयाँ!
यह चंदा चरवाहा है,
नीले-नीले खेत में!
बिल्कुल सैंत मैंत में,
रत्नों भरे खेत में!
किधर भागता, लइयाँ पइयाँ!
कंतक थैया, घुनूँ मनइयाँ!
अंधकार है घेरता,
टेढ़ी आँखें हेरता!
चाँद नहीं मुँह फेरता,
रॉकेट को है टेरता!
मुन्नू को लूँगा मैं दइयाँ!
कंतक थैया घुनूँ मनइयाँ!
मिट्टी के महलों के राजा,
ताली तेरी बढ़िया बाजा!
छोटा-छोटा छोकरा,
सिर पर रखे टोकरा!
बने डोकरा करूँ बलइयाँ!
कंतक थैया, घुनूँ मनइयाँ!