कट चुके पहले
सिर
और धड़
अब
पाँव-
सिर्फ पाँव
खेत में खड़े
कुछ नहीं जानते
कैसी क्या दुनिया है
कैसा क्या मौसम है
कैसा क्या साल है।
रचनाकाल: सितंबर १९६९
कट चुके पहले
सिर
और धड़
अब
पाँव-
सिर्फ पाँव
खेत में खड़े
कुछ नहीं जानते
कैसी क्या दुनिया है
कैसा क्या मौसम है
कैसा क्या साल है।
रचनाकाल: सितंबर १९६९