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कनकन महीना / मनीष कुमार गुंज

नहाबै में खोजै जुवनको बहाना
कुहेसा में डूबलै इ कनकन महीना।

खेतोॅ मॅ फरै छै पेटोॅ के डीजलॅ
कच्चा सेॅ पक्का अठियैलोॅ खजाना।

अगहन में घरोॅ के रानी महरानी
अंगुठी में नयका लगाबै नगीना।

डलिया मॅ पान-चूना कत्था कसेली
लाल-लाल ठोरॉ सेॅ चूयै मखाना।

नयका बिहारी केॅ नयका आजादी
कुर्सी पेॅ मुखिया-सिपाही जनाना।