Last modified on 24 मई 2017, at 14:23

कब के याद / चित्रा गयादीन

जहाँ तलक
आँख देख पावे
सेतियावल, सिझावल
जिन्दगी हमार।

मन में ना कोनो तरस
दिल में ना कोनो दुख

चारी ओर के सन्नाटा
पुरान सपनाके जगावै

घेरे जगल
दिन पर अँधियार

लपेटल है
दिल के कोना में
केकर कब के याद।