कब तक आँखों पर पर्दा पड़ा रहेगा?
कब तक तुम उघरोगे मेरे दर्शन में?
ओ सूत्रधार! कब ऐसी कृपा करोगे?
तुम स्वयं स्वरित होगे मेरे व्यंजन में!
कब तक आँखों पर पर्दा पड़ा रहेगा?
कब तक तुम उघरोगे मेरे दर्शन में?
ओ सूत्रधार! कब ऐसी कृपा करोगे?
तुम स्वयं स्वरित होगे मेरे व्यंजन में!