कमल जीत चौधरी
जन्म- 13 अगस्त 1980
जन्म स्थान- गाँव काली बड़ी, साम्बा, जम्मू-कश्मीर में
प्रमुख कृतियाँ- हिन्दी का नमक (कविता-संग्रह 2016), दुनिया का अंतिम घोषणापत्र (कविता-संग्रह 2022) और समकाल की आवाज़ - चयनित कविताएँ
विविध - 2007 में लिखना शुरू किया। हंस, नया ज्ञानोदय, कथन, आलोचना, दोआबा, सदानीरा, मंतव्य, युद्धरत आम आदमी, अभिव्यक्ति, बया, गाथान्तर, अक्षर पर्व, वागर्थ, बनास जन, पाखी, सृजन संकल्प, समावर्तन, यात्रा, अभियान, दुनिया इन दिनों, जनपथ, दस्तक, सृजन सन्दर्भ, परस्पर, उत्तर प्रदेश पत्रिका, साहित्य विमर्श, हिमाचल मित्र, शब्दयोग, लोक गंगा, शीराज़ा, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर, प्रजातंत्र, प्रभात ख़बर, हिन्दवी, सदानीरा, अनुनाद, बिजूका, पहलीबार, जानकी पुल, तो हाथ उठाएँ हम भी, तत्सम, सिताब दियारा आदि में कविताएँ, आलेख, अनुवाद और समीक्षाएँ प्रकाशित हैं। इसके अलावा ’कँटीले तार की तरह- स. संजय कुंदन, युवा द्वादश- स. निरंजन श्रोत्रिय, तिमिर में ज्योति जैसे-स. अरुण होता, ‘तवी जहाँ से गुज़रती है’- स० अशोक कुमार, ‘स्वर एकादश’- स० राज्यबर्धन, ‘शतदल’- स० विजेंद्र, ‘बच्चों से अदब से बात करो’- स० अजय कुमार पाण्डेय जैसे महत्त्वपूर्ण संग्रहों में कविताएँ संकलित हैं।
कुछ कविताओं का मराठी, उड़िया, बांग्ला और अंग्रेज़ी में अनुवाद हुआ है।
संपादन- जम्मू-कश्मीर के समकालीन चुनिंदा कवियों की कविताओं के संग्रह ’मुझे आई०डी०कार्ड दिलाओ’ (2018) का संपादन किया है।
सम्मान: अनुनाद सम्मान-2016 और पाखी: शब्द साधक सम्मान ।