धरती में
नहीं दिखाई देती धरती
आकाष में
गुम है आकाष
प्रकाष में
नहीं है प्रकाष
पानी में
नहीं बचा पानी
आग में
कहां बची है आग
फिर भी हम
छेड़े हैं राग
मिलाते हैं ताल
है ना कमाल!
धरती में
नहीं दिखाई देती धरती
आकाष में
गुम है आकाष
प्रकाष में
नहीं है प्रकाष
पानी में
नहीं बचा पानी
आग में
कहां बची है आग
फिर भी हम
छेड़े हैं राग
मिलाते हैं ताल
है ना कमाल!