लड़कियां पक के तैयार हैं अब काट दो
लड़कियां अकेली मिलें तो बांट लो
अबकी बो लो लड़कियों के बीज
धरती-धरती को लेकर सो जायेगी
जमीं बंजर हो जायेगी
छोटी सी पायल में खनकेगा घर का आंगन
शीशे में चिपकी बिंदी आग सी दहकेगी
तुम हाथ सेंकना।
लड़कियां पक के तैयार हैं अब काट दो
लड़कियां अकेली मिलें तो बांट लो
अबकी बो लो लड़कियों के बीज
धरती-धरती को लेकर सो जायेगी
जमीं बंजर हो जायेगी
छोटी सी पायल में खनकेगा घर का आंगन
शीशे में चिपकी बिंदी आग सी दहकेगी
तुम हाथ सेंकना।