और मुझे दो रस थोड़ा
अभी इसमें मधुरा
कम है
और अभी ललाई दो
और तनिक दो तो तीव्र
और बढ़ाओ आंच कि यह
जीवन जल
उबला कम है
और करो बौछार रंगों की
और मलो अबीर
बदन पर
कह सकें सभी है तो यह
रंगदार
भले साफ
उजला कम है
यह जल का ही चमत्कार
या यह है ही प्यास अजब
यह हर पल
बढ़ती जाती
वह जितना
उतना कम है।