सारे दिन
भूखी-प्यासी रहकर
इस बार भी
महकती आँखों से
उसने चाँद देखा मुझमें...
और मैं भी
हमेशा की तरह
अपनी भूख और प्यास से घिरकर
पड़ोस की छतों पर
दमकते चाँद देखता रहा !
सारे दिन
भूखी-प्यासी रहकर
इस बार भी
महकती आँखों से
उसने चाँद देखा मुझमें...
और मैं भी
हमेशा की तरह
अपनी भूख और प्यास से घिरकर
पड़ोस की छतों पर
दमकते चाँद देखता रहा !