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करिया झुम्मर / अमरेन्द्र

करिया झुम्मर खेलै छी
लीख पटापट मारै छी ।

देखलौं यहू राज गे हिरिया
खाली झुट्ठे-झुट्ठे किरिया
खाय छै, पूछबै अगली बेरिया
इखनी तेॅॅ हमें कानै छी ।

पहिला सें ई निक्के छै
केना कहै छैं-ठिक्के छै
हिरिया, यहू फिक्केॅ छै
एतन्हंै हम्मू जानै छी ।

की कहियौ कि एक्के ठय्यां
हम्में बैकबर्ड, फुरबर्ड सैय्यां
रोज मरौड़ै हमरोॅ बैहियां
लोर आँखी सेॅ गारै छी ।

जेकरोॅ गोड़ें ढलढल फोका
ओकरोॅॅ बास्तें की पनसोखा
तोहीं खेलें औका-बौका
दरदोॅ सें हम्में फाटै छी ।