मुरादाबाद सदर के
चमरटोले में रहता था
करीम खाँ
दंगों के दौरान
बरतन बाज़ार की
अंधेरी गली में
खरादिया था
करीम खाँ
दंगों के दौरान
बाँसुरियाँ बनाने से
चूड़ियाँ बेचने तक
धन्धा मन्दा रहा
फिर भी
बिजनौर और
शाहजहाँपुर से
महीने बाद लौट आता था
करीम खाँ
लोग कहते हैं
शहर में था
करीम खाँ
दंगों के दौरान ।