गिरिजानंदन गणेश केॅ सुमरौं बारंबार ।
कर्ण-कथा पूरा करौं, सुनोॅ हमरोॅ पुकार ।।
सुनोॅ हमरोॅ पुकार, दानवीर रणवीर छै ।
वचनधीर, सहनशील, तेजस्वी मतिधीर छै ।।
अधिरथ सुतकर्ण तेॅ कुन्तिये नन्दन ।
फेनु विनय करै छी, सिद्धि गिरिजानंदन ।।
गिरिजानंदन गणेश केॅ सुमरौं बारंबार ।
कर्ण-कथा पूरा करौं, सुनोॅ हमरोॅ पुकार ।।
सुनोॅ हमरोॅ पुकार, दानवीर रणवीर छै ।
वचनधीर, सहनशील, तेजस्वी मतिधीर छै ।।
अधिरथ सुतकर्ण तेॅ कुन्तिये नन्दन ।
फेनु विनय करै छी, सिद्धि गिरिजानंदन ।।