कवि को ऐसा प्रेमी होना चाहिए
जो प्रेम के सब प्रश्नों को निरुत्तर छोड़ दे,
और कविता को
प्रेम में किए गए प्रश्नों जैसा।
कविता के लिए आखिर जरूरी क्या है?
न तो जबरदस्ती लिखा जाना
और न जबरदस्ती पढा जाना।
कवि को ऐसा प्रेमी होना चाहिए
जो प्रेम के सब प्रश्नों को निरुत्तर छोड़ दे,
और कविता को
प्रेम में किए गए प्रश्नों जैसा।
कविता के लिए आखिर जरूरी क्या है?
न तो जबरदस्ती लिखा जाना
और न जबरदस्ती पढा जाना।