बच्चों के लिए जेलर
पति के लिए होटल है,
कवि की पत्नी।
मूंग की दाल पकाती है
टमाटर में नहाती है।
महंगाई की तरह
तुनक मिजाज।
कविता नहीं पढ़ती वह।
रचनाकाल : 21.04.1981
बच्चों के लिए जेलर
पति के लिए होटल है,
कवि की पत्नी।
मूंग की दाल पकाती है
टमाटर में नहाती है।
महंगाई की तरह
तुनक मिजाज।
कविता नहीं पढ़ती वह।
रचनाकाल : 21.04.1981