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कवि की पत्नी / इब्बार रब्बी

बच्चों के लिए जेलर
पति के लिए होटल है,
कवि की पत्नी।
मूंग की दाल पकाती है
टमाटर में नहाती है।
महंगाई की तरह
तुनक मिजाज।
कविता नहीं पढ़ती वह।


रचनाकाल : 21.04.1981