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कशमकश / प्रताप सहगल

रिश्तों को
नए सिरे से पहचानना चाहता हूँ
पहचानना चाहता हूँ
चिड़िया का रिश्ता पेड़ से
और ज़मीन का रिश्ता आसमान से
पानी का रिश्ता नदी से
और लहरों का समुद्र से
जानना चाहता हूँ
माँ का रिश्ता बेटे से।
पहचाने जाते हैं रिश्ते हमेशा
जैसे किसी संज्ञा का रिश्ता
किसी संज्ञा से
जैसे माँ-बेटा, फूल-पौधा
पिता-बेटी, पति-पत्नी
मिठास, कड़ुवाहट या गर्माहट
कौन सा तापमापी यंत्र है
जो बता सके रिश्तों के
बीच फैला ताप
जानना चाहता हूँ
सचमुच
मैं रिश्तों को
नए सिरे से पहचानना चाहता हूँ।