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कहमा उपजल झालर गुअवा / अंगिका

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

कहमा उपजल झालर गुअवा,
कहमा डाटरि पान
इहो पान खैता रानू सरदार
रंगौता बतीसो मुख दाँत
सातो बहिन मंे कोसिका दुलारि छलै
तकरे से रंगाबै रानू दाँत
देखहो-देखहो आहे पिया
दाँत केर जोतिया
देखे देहो अपनी सुरतिया
अखनी ने देखे देबौ सुरतिया
घर में छै माय हे बहिन
जखनी जे देखे देबौ
दाँत केर जोतिया
तोहरा से होइतै पिरीत ।