♦ रचनाकार: अज्ञात
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कहमा लहैले कोसी माय
कहाँ लट झारले गे
कहमा कइले सिंगार
सैरा नहेलों सेवक हो
बाटे लट झारलौं
गहबर कइलों सोलहो सिंगार
कथी बिनु आहे कोसिका
मुहँमां मलिन भेलौ
कथी बिनु डोलै हे सरीर
पान बिनु आहो सेवक
मुँहमां मलिन भेलै
लडु ले डोलैयै सरीर
चढ़इबौ गे कोसी माय
खीर पान भोजन
पाठी देबौ कोसी माय चढ़ाय
गावल सेवक जन दुहु कल जोड़ि
बिपति के बेरी मैया कोसिका
होखु ने सहाय ।