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कहाँ है देवता / नंदकिशोर आचार्य


रिस-रिस कर
बूँद-बूँद झरता है
गुफा की छत में से जल।

अभिषिक्त ही नहीं
प्रतिमा
उस से ही उभरी है
झर-झर कर।

कहाँ है देवता ?

उस छत में जिस में वह रिसता है ?
उस मूरत में जिस पर वह झरता है ?
या उस जल में
जिस ने उस को मूरत भी किया
तरल भी ?

(1976)