मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
कहीं भीजत होइहैं भगवान, प्रेम-रस बुन्दिया मे
कहमा से उठलै रामा कारी रे बदरबा, कहमा बरसि गेल मेघ
अयोध्या से उठलै रामा कारी रे बदरबा, मिथिला बरसल मेघ
कहीं भीजत...
किनका के भीजइ रामा, लाली रे चदरिया
किनका के भीजनि पटोर, प्रेम-रस बुन्दिया मे
कहीं भीजत...
राम जी के भीजइ रामा, लाली रे चदरिया
सीया जी के भीजनि पटोर, प्रेम रस बुन्दिया मे
कहीं भीजत होइहैं भगवान, प्रेम-रस बुन्दिया मे