क़िताब में
रंगीला पनघट था
छोटी-लंबी डगर
और
गोरी सिर पर घड़ा उठाए
घड़े पर चित्रकारी
सब कुछ सजीव
बस पानी नहीं था
पुस्तक के
पन्नों के
भीगने का
डर था ।
क़िताब में
रंगीला पनघट था
छोटी-लंबी डगर
और
गोरी सिर पर घड़ा उठाए
घड़े पर चित्रकारी
सब कुछ सजीव
बस पानी नहीं था
पुस्तक के
पन्नों के
भीगने का
डर था ।