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क़िताबी पनघट / पूरन मुद्गल

क़िताब में
रंगीला पनघट था

छोटी-लंबी डगर
और
गोरी सिर पर घड़ा उठाए
घड़े पर चित्रकारी

सब कुछ सजीव
बस पानी नहीं था

पुस्तक के
पन्नों के
भीगने का
डर था ।