मानो तो बड़ी
वरना कुछ भी नहीं-
हलक़ में एक पल ख़ुश्की
नज़र में लम्हा भर शर्म
रात के अकेले में
बरबस दबा लेना चीख़ . . .
मानो तो बड़ी
वरना कुछ भी नहीं-
हलक़ में एक पल ख़ुश्की
नज़र में लम्हा भर शर्म
रात के अकेले में
बरबस दबा लेना चीख़ . . .