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काँसे का गिलास / निर्मल आनन्द

यह काँसे का गिलास
जिस पर लिखा है पिता का नाम
दूर से चमकता है धूप में
जब रख देती है माँ
माँजने के बाद बर्तनों के बीच

गिलास
जिसे ख़रीदा था
पिता के पिता ने
पिता के जन्मदिन पर
बताती है माँ

नहीं रहे पिता
नहीं रहे पिता के पिता
है
यह गिलास