जटिलताओं के वृक्ष
नहीं हिलते विषम हवाओं में
अब नहीं बहते शब्द
सघन इमारतों से
छा जाते हैं
और उनके भीतर
खोजना होता है हमें।
जटिलताओं के वृक्ष
नहीं हिलते विषम हवाओं में
अब नहीं बहते शब्द
सघन इमारतों से
छा जाते हैं
और उनके भीतर
खोजना होता है हमें।