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कागज की नावें / केदारनाथ अग्रवाल

कागज की नावें हैं तैरेंगी तैरेंगी,
लेकिन वह डूबेंगी डूबेंगी डूबेंगी॥

रचनाकाल: ०५-१०-१९५७