Last modified on 30 मई 2021, at 20:10

काठचम्पा / प्रयाग शुक्ल

फूली काठचम्पा
झरी —
फूलों में !

कैसी अनुकम्पा
फिर भरी
काठचम्पा
डालों में
अपनी (वह)
फूलों से
भरी !

काठचम्पा ! !