94. देखल भानुमान जन जीवन धन उसरल भूतलसँ लड़खड़ाय नहि देह सम्हरलनि चलला नभमण्डलसँ भेल अनर्थ ऊर्ध्वकर कहिते पश्चिम जलनिधि खसला मुख निरखओता कोना लोकके पानिक तरमे धसला।