Last modified on 26 जनवरी 2010, at 22:03

कामना-कुसुम / अशोक वाजपेयी

मैं वृक्ष हूँ,
जिसे तूफ़ान ने चुना
नंगा करने के लिए,
पत्ती दर पत्ती
और छोड़ दिया
असम्भव कामना-कुसुम के साथ।