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कार्टून / सरोज कुमार

तुम्हारे आगे आगे
विज्ञान
जासूसी कुत्ते की तरह
चल रहा है
रहस्यों को टटोलते
सूँघते!

वह यहाँ-वहाँ
चक्कर काटकर
ठीक तुम्हारी ही बैठक में
लौटेगा!
अपने ही हाथों
तुम्हारी गिरफ्तारी
सुनिश्चित है!

जीवन और जगत की
एक-एक परत उधेड़ना,
कमाल कहा जाएगा,
उपलब्धि नहीं!

नाप से बड़े कपड़े ही
हमारा कार्टून नहीं बनाते,
जरूरत से ज्यादा
चमक अंधा,
धन बावला और
अकल पागल बना देती है!

दूरबीन से अधिक कीमत
आँख की होती है,
मुट्ठी भी बँधी हुई
लाख की होती है!