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काला नंगा बच्चा पैदल / रघुवीर सहाय

काला नंगा बच्चा पैदल बीच सड़क पर जाता था
और सामने से कोई मोटर दौड़ाए लाता था
तभी झपटकर मैंने बच्चे को रस्ते से खींच लिया
मेरे मन ने कहा कि यह तो तुमने बिल्कुल ठीक किया
वहीं देखकर एक भिखारी मैंने उससे यों पूछा
क्या यह साथ तुम्हारे है ? वह पल भर ठिठका बोला हाँ
फिर कुछ आशा से बतलाने लगा कि साहब इसकी माँ
गुज़र गई है इसके दो भाई भी मैंने दिए गवाँ
मैं अपने से पूछ रहा हूँ मैं यह सुनकर क्यों भागा
क्यों एकदम सो गया वह कि जो था मुझमें एकदम जागा