बहुत दूर से
ला कर पत्थर
स्थापित किए थे देव
महादेव ।
अभी भी पडे़ हैं
कालीबंगा में
पत्थर
चमकते हैं
देवों सरीखे
परन्तु
कहां हैं
स्थापक ?
थेहड़ मौन है !
अनुवाद-अंकिता पुरोहित "कागदांश"
बहुत दूर से
ला कर पत्थर
स्थापित किए थे देव
महादेव ।
अभी भी पडे़ हैं
कालीबंगा में
पत्थर
चमकते हैं
देवों सरीखे
परन्तु
कहां हैं
स्थापक ?
थेहड़ मौन है !
अनुवाद-अंकिता पुरोहित "कागदांश"