(अब मान लो कि उन तीन सौ में मैं हूँ
ऐमस्टर्डम से मेलबोर्न की उड़ान पर
बस छह घण्टे और कि पहुँच कर आराम करूँ और कल पर्चा पढ़ने की तैयारी करूँ)
परिचारिका अभी-अभी एक और जिन और टॉनिक दे गई है
चुस्कियों में फ़िल्म देखते आँख लग गई और
फिर
कैसा झटका
क्रमशः शोर में तब्दील होते गुंजन के साथ यह धुँआ कैसा
उफ़्फ़ ! कावेरी तुम कहाँ हो ?
तुम जगी हो या सोई हो
तुम जानती हो क्या कि मैं तेज़ी से गिरता जा रहा हूँ
धरती खींच रही है मुझे
बस दो पल हैं कि मैं कह सकूँ कि
मैंने जितना चाहा उससे कम ही तुम्हें प्यार कर पाया
कि मैं रो नहीं रहा पर मेरी आँखों से लगातार आँसू बह रहे हैं
मैंने कोई जंग नहीं लड़ी
किसकी जंग है जो मुझे छीन ले गई तुमसे
मेरे सामने की सीट पर कोई बच्चा रो रहा है
उसकी माँ के चेहरे पर बहता ख़ून बहुत सुन्दर लग रहा है
एक आदमी गिर पड़ा है मेरे सामने
किसी को गालियाँ निकाल रहा है
उसके लिए दया का एक पल मेरे पास बचा है
कावेरी तुम कहाँ हो ?