Last modified on 21 मार्च 2018, at 10:14

काहे सरम? / सरवन बख्तावर

‘‘का भैल, अपने आप के काहे हिन्दुस्तानी कहलावत हैले,
हिन्दुस्तान से ऐले का?’’
कोई और तो हमके ‘‘कुली’’ बोलावत,
हमार घरवे के एगो भय्वा बोले,
ना हम सरनामी तो न बोलब, का हम ‘‘बोइती’’ से ऐली का?

हम तो ना ऐली हिन्दुस्तान से, पर आइल हमार ‘‘बाप-माई’’,
गठरी में बाँध के लाइस, अनमोल संस्कृति महान,
‘‘कुली’’ तो ना हैली, लेकिन कौन सरम!
उ अनमोल गठरी उठाबे हम, जोन देइस हमार पूर्वज हमके दान!

‘‘बाप-माई’’ खून पसीना कर देइस एक सामान,
ना देखिस ‘‘बोइती’’ के चहटा ना धसान,
ताकि हमार भविष्य ना रहे सुन-सान,
ओकर बोली काहे ना बोली? जरा इस पर तू कर ध्यान!