काया
भाव-वोपार री दुकान
बुद्धी
बहसां रौ मकान
मिनखांजूण
झूंठ रौ बखाण
जगती
कपट री ओल़खाण
बची किसी ठौड़
जठै रैय सकै भगवान ?
काया
भाव-वोपार री दुकान
बुद्धी
बहसां रौ मकान
मिनखांजूण
झूंठ रौ बखाण
जगती
कपट री ओल़खाण
बची किसी ठौड़
जठै रैय सकै भगवान ?