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किनका घरें भगवती कहलावै / अंगिका

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

किनका घर भगवती कहलावै मैया, किनका घ्ज्ञर परमेश्वर हे।
किनका घर शतयोगिनी कहलावै मैया, किनका घर विश्वकर्मा हे।
ब्रह्मण घर भगवती कहलावे मैया, मलिया घर परमेश्वर हे।
कुम्हरा घर शतयोगिनी कहलावे मैया, कमरा घर विश्वकर्मा हे।
कौनेॅ तोरोॅ पूजा करतौ, कौनेॅ फूलवा चढ़ैइतौ हे।
कौनेॅ तोरोॅ कलश बैठैइतौ मैया, कौनेॅ दियरा जलैतौ हे।
ब्रह्मन तोरोॅ पूजा करथौ, मलियां फूलवा चढ़ैतौं हे।
कुम्हरा तोरोॅ कलश बैठैइतौ मैया, कमरा दियरा जलैइतौ हे।
जरेॅ लागलै दियरा सभे मैया हे, झमक लागल बाती हे मैया।
हे माता खेलेॅ लागलै हे माता चारो पहर राती,
तोहरोॅ मनौनमा सभे मैयो हे, बावी केॅ सुनैलौ हे माता सुनो।
सुनोॅ हे माता हृदय लगैइयै हे माता सुनो।