किरण अब मुझ पर झरी
मैंने कहा :
मैं वज्र कठोर हूँ-
पत्थर सनातन ।
किरण बोली :
भला ? ऐसा !
तुम्हीं को तो खोजती थी मैं :
तुम्हीं से मंदिर गढूँगी
तुम्हारे अन्तःकरण से
तेज की प्रतिमा उकेरूँगी ।
स्तब्ध मुझ को
किरण ने
अनुराग से दुलरा लिया ।
किरण अब मुझ पर झरी
मैंने कहा :
मैं वज्र कठोर हूँ-
पत्थर सनातन ।
किरण बोली :
भला ? ऐसा !
तुम्हीं को तो खोजती थी मैं :
तुम्हीं से मंदिर गढूँगी
तुम्हारे अन्तःकरण से
तेज की प्रतिमा उकेरूँगी ।
स्तब्ध मुझ को
किरण ने
अनुराग से दुलरा लिया ।