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किसान गीत / अवधेश्वर अरुण

अरिआ पर नाचे किसनमा हो
खेतबा झूमे धान
दिनमा में चमके दिबाकर के जोती
रतिआ में बरसे अकसबा से मोती
भोरबा में साँबरा टेरे बंसी तान
खेतबा में झूमे धान
कल-कोल्हुअरबा में ऊँखबा पेराए
मीठ-मीठ रसबा से मनमा जुराए
ओठबा पर थिरके पिरीतिआ के गाँ
खेतबा में झूमे धान
खेत खरिहनमाँ में धनमा के दउनी
गोरकी गुजरिआ खेले सुपली-मउनी
रह रह चलाबे नजरिआ के बान
खेतबा में झूमे धान
कोठिआ भरल धान मनमा जुराएल
अन-धन लछमी जी घरबा में आएल
अँखिआ में छिटकल बिहान हो
खेतबा में झूमे धान