किस ने देखा चाँद?-किस ने, जिसे न दीखा उस में क्रमश: विकसित एकमात्र वह स्मित-मुख जो है अलग-अलग प्रत्येक के लिए किन्तु अन्तत: है अभिन्न : है अभिन्न, निष्कम्प, अनिर्वच, अनभिवद्य, है युगातीत, एकाकी, एकमात्र? दिल्ली, 1942