श्रीमती महारानी परिहारिन माँ साहबा, उपनाम ‘कीरतिकुमारी’ का जन्म फाल्गुण शुक्र नवमी संवत् 1952 को हुआ। आप रीवाँ की राजमाता हैं। आपकी कविता का विषय राधा-कृष्ण है। आपने श्रीकृष्ण का चरित्र अंकित करने में प्रचलित प्रणाली ही से काम लिया। जितनी महिला-कवियों की कविताएँ पिछले पृष्ठों में दी गयी हैं उनसे ‘कीरतिकुमारी’ जी की रचनाओं मंे, भाषा की दृष्टि से, एक भिन्नता है। राजमाता महोदया की कविता में फ़ारसी का उपयेाग पाया जाता है तथा उसमें फ़ारसी भाषा के शब्दों की भी प्रचुरता है।