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कुछ तो मैं, मेरा ऑफिस और मेरे काम / त्रिपुरारि कुमार शर्मा

कुछ तो मैं, मेरा ऑफिस और मेरे काम
फिर तुम, तुम्हारा ऑफिस, तुम्हारे काम

सुनो, बहुत रात हुई आओ सो जायें