यह है आरज़ू चमन की, कोई लूट ले चमन को
ये तमाम रंगो-नक्हत तिरे इख़्तियार में है
तिरे हाथ की बलन्दी में फ़रोगे़-कहकशाँ है
ये हुजूमे-माहो-अंजुम<ref> चाँद और तारों का जमघट</ref>तिरे इन्तिज़ार में है
शब्दार्थ
<references/>यह है आरज़ू चमन की, कोई लूट ले चमन को
ये तमाम रंगो-नक्हत तिरे इख़्तियार में है
तिरे हाथ की बलन्दी में फ़रोगे़-कहकशाँ है
ये हुजूमे-माहो-अंजुम<ref> चाँद और तारों का जमघट</ref>तिरे इन्तिज़ार में है