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कुहासा / कार्ल सैण्डबर्ग / राधारमण अग्रवाल

उतरता है कुहासा
दबे पाँव
बिल्ली की तरह
बैठता है
छा जाता है पूरे शहर पर

ठहरता है
चुपचाप
थोड़ी देर

और चला जाता है
बिना कुछ कहे
यूँ ही ।

मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : राधारमण अग्रवाल