एक फ़ोन की दूरी पर
ऑफिस या होम
चौबीस घंटे की सर्विस
भुगतान क्रेडिट कार्ड द्वारा
पढ़े-लिखे लोगों की -
दुनिया में शिकार
पढ़े-लिखे ही होते हैं
कोई टैक्सी
ऑटो वाले नहीं
उनको तो
चौराहे की छमिया ही
निपटा देती है
और बाबू लोगों को
इनकी क्लास ज़रा
ऊंची है
तो ज़ाहिर है
पकवान भी ज़रा
ऊंचे होंगे ।
संभल कर जनाब !
कुछ नहीं रक्खा इस -
व्यापार में
विश्व स्वास्थ्य संगठन की
रपट बतलाती है
असुरक्षित यौन-क्रिया से
गत वर्ष लाखों लोग
भयंकर बीमारी से पीड़ित
रेडियो की आवाज़
अनसुना कर
उपभोक्ता नौ-दो-ग्यारह
हो गया है
आज वही अस्पताल में
असाध्य रोग से जूझ रहा है
क्या आप भी जायेंगे
अस्पताल ?
असाध्य रोग
नहीं-नहीं
असंख्य लोग एक साथ
अलग-अलग दिशा से
चिल्ला पड़े !